सुरक्षा की दृष्टि आज के समय में किसी भी अनजान पर भरोसा करना मूर्खता सी महसूस होती है! शहरो में ऐसी सोसायटी बन गयी है कि पडोसी कौन है कहा से है नहीं पता रहता!कोई किरायेदार हो तो फिर तो कोई मतलब ही नहीं रखना चाहता इस बात से!ना किरायेदार ना वहाँ स्थाई रूप से रहने वाले! हालाँकि बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए लोग जागरूक तो हुए है लेकिन फिर भी हर कोई जागरूक नहीं और हर जागरूक पूरी जानकारी और नियंत्रण रखने में सक्षम भी तो नहीं!
किस समय कौन आ रहा है, जा रहा है इस पर कैमरे से नजर रखी जा सकती है! लेकिन कौन आना चाहिए और कौन नहीं आना चाहिए ये कैसे तय हो? कोई अनचाहा व्यक्ति यदि आ गया तो?ऐसे छोटे छोटे लेकिन बहुत गम्भीर मुद्दे हमारे सामने आते है!इनका आज की तकनीक के आधार पर हल खोजै जाए तो एक से एक हल हमें दिखाई देगा!हम हर आने जाने वाले को देख सकते है, उन्हें एक तय जगह से आगे जाने से रोक सकते है और आगे बढ़ने के लिए किसी को भी मंजूरी देनी है या नहीं देनी है ऐसा तय कर सकते है! आगे हम ऐसी ही तकनीकों के बारे में बात करेंगे! आज बस इतना ही!
कौन आया कौन गया किसने देख,किसने रोका? कैसे रोके?
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